नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में आइएसआइ के सुरक्षा कवच में रहता है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लोग न सिर्फ रात- दिन दाऊद की हिफाजत के लिए कराची स्थित उसके घर पर तैनात रहते हैं, बल्कि उसके घर से बाहर निकलने पर सुरक्षा घेरे में उसका रूट भी निर्धारित करते हैं। पूछताछ में यह रहस्योद्घाटन किया है अब्दुल करीम उर्फ टुंडा ने। टुंडा के मुताबिक वर्ष 2000 में दाऊद ने खुद उससे मिलने की इच्छा जताई थी। इसके बाद वह कई बार उससे मिला। दाऊद पाकिस्तान में सुल्तान शाह के नाम से जाना जाता है।
सूत्रों के अनुसार, आतंकी टुंडा ने बताया कि दाऊद को लश्कर ए तैयबा चीफ हाफिज सईद से मिलवाने वाला वह ही था। हालांकि पुलिस अधिकारी अभी इसकी पुष्टि नहीं कर रहे हैं। इतना जरूर बता रहे हैं कि टुंडा से दाऊद और उसके भाइयों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। खास बात यह है कि अभी तक भारतीय सुरक्षा एजेंसियां ही कराची में दाऊद का ठिकाना होने के सुबूत पेश करती थीं, लेकिन अब टुंडा ने भी इसकी तस्दीक कर दी है। एक अधिकारी के अनुसार टुंडा ने बताया कि पहले वह दाऊद से कराची में क्लिफ्टन रोड व्हाइट हाउस, नियर सऊदी मस्जिद तथा बाद में हाउस नंबर 6 ए, फेज- 5, डिफेंस हाउसिंग एरिया, कराची के पते पर मिला। इसके अलावा भी उसकी कई बार कार्यक्रमों में दाऊद से मुलाकात हुई।
टुंडा ने बताया कि दाऊद जहां भी जाता है, उसके इर्द-गिर्द आइएसआइ का घेरा रहता है। आइएसआइ को बिना बताए वह अपना कोई मूवमेंट नहीं कर सकता। आइएसआइ की दाऊद से मिलने जुलने वाले लोगों पर भी नजर रहती है। जब कभी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दाऊद के पाकिस्तान में छिपे होने पर बवाल मचता है तो आइएसआइ उसे भूमिगत करा देती है। टुंडा के मुताबिक दाऊद उर्फ सुल्तान शाह का रुतबा बड़े व्यवसायी का है, जिसका शिपिंग इंडस्ट्री, एयरलाइंस सेक्टर, गारमेंट फैक्ट्री व रीयल एस्टेट में पाकिस्तान में ही नहीं, थाइलैंड, नेपाल, श्रीलंका, दुबई, जर्मनी समेत अफ्रीका के कई देशों में कारोबार है। चुनिंदा लोगों को छोड़कर कोई नहीं जानता कि वह मोस्टवांटेड डॉन है। टुंडा के कराची स्थित मदरसे समेत पाकिस्तान की कई संस्थाओं को दाऊद मोटा चंदा देता है। सूत्रों के अनुसार दाऊद कट्टरपंथी संगठनों को भी चंदा देता है।
टुंडा ने कबूला अपना गुनाह
नब्बे के दशक में बम धमाकों की झड़ी लगाकर बेगुनाहों को मौत की नींद सुलाने वाले अब्दुल करीम टुंडा ने पूछताछ में अपना गुनाह कबूल किया है। टुंडा ने स्वीकार किया कि आइएसआइ और लश्कर के इशारे पर उसने ही अपने नेटवर्क का प्रयोग कर बम धमाके कराए थे। दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के संयुक्त आयुक्त एमएम ओबेरॉय के अनुसार, पूछताछ में टुंडा सहयोग कर रहा है। कभी-कभी उसे पुरानी बातें याद करने में थोड़ी दिक्कत आ रही है, लेकिन जितना उसे याद है, बता रहा है। टुंडा ने बम धमाकों को अंजाम देने के लिए युवकों को भर्ती करने, उन्हें प्रशिक्षण देने तथा बम उपलब्ध कराने की बात स्वीकार की है।
Original Found Here... http://www.jagran.com/news/national-dawood-in-karachi-guarded-by-isi-claims-terrorist-tunda-10655245.html
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