मेरठ [जेएनएन]। मुजफ्फरनगर में जनजीवन पटरी पर लौट रहा है, लेकिन गुरुवार को एक लापता युवक का शव मिलने के बाद मेरठ शहर तनाव की गिरफ्त में आ गया। मुजफ्फरनगर शहर में कर्फ्यू में नौ घंटे की ढील दी गई। देहात में भी शांति रही लेकिन लांक में एक शव मिलने से मरने वालों की संख्या 45 हो गई है, शासन 43 मौतों की पुष्टि कर रहा है।
मेरठ के सुभाषनगर से लापता एक छात्र का शव मिलने के बाद शहर के कई बाजार बंद हो गए। पथराव व फायरिंग की भी सूचना के बाद शहर के कई इलाके तनाव की गिरफ्त में आ गए। उधर, बागपत के वाजिदपुर में सांप्रदायिक हिंसा में घायल एक व्यक्ति ने दम तोड़ दिया। हालांकि वहां पर शांति है। हालात काबू होते देख प्रशासन ने शहर में कर्फ्यू में सात घंटे की ढील दी। पूरी तरह शांति होती देख ढील की अवधि दो घंटे और बढ़ाकर सुबह दस से शाम सात बजे तक कर दी गई। इस दौरान बाजारों में दुकानों पर भारी भीड़ रही। सिविल लाइन के केवलपुरी में शरारती तत्वों ने एक घर में पत्थर फेंक दिया। इसके चलते दोनों समुदाय के लोगों में तनाव हो गया। सूचना पाकर पहुंची पैरामिलिट्री फोर्स ने लाठियां भांजकर भीड़ को खदेड़ा।
पुलिस ने दोनों समुदायों की शांति बैठक कराई। कमिश्नर ने देहात के कई क्षेत्रों मेंखाद्य सामग्री का वितरण कराया। भोपा के जौली गांव में गंगनहर से महापंचायत के बाद नहर में धकेला गया एक ट्रैक्टर भी बरामद हुआ है। देहात के मीरापुर, शाहपुर, बुढ़ाना, जानसठ, फुगाना, भोपा आदि में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। सेना व अर्ध सैनिक बलों ने फ्लैग मार्च कर शांति की अपील की। शहर में भी कर्फ्यू के दौरान डीएम-एसएसपी ने फोर्स के साथ पैदल मार्च कर शांति बनाए रखने की अपील की। सेना के साथ पुलिस का तलाशी अभियान गुरुवार को जारी रहा। पुलिस ने कई दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया है। उधर, राज्य मंत्री चितरंजन स्वरूप, राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त वीरेंद्र सिंह, पूर्व सांसद अमीर आलम ने प्रेस कांफ्रेंस में दंगे के लिए पुलिस-प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए तत्कालीन डीएम और एसएसपी के खिलाफ कार्रवाई और डीजीपी देवराज नागर को हटाने की मांग की है। भोपा के जौली गांव में गंगनहर से महापंचायत के बाद नहर में धकेला गया एक ट्रैक्टर भी बरामद हुआ है। देहात के मीरापुर, शाहपुर, बुढ़ाना, जानसठ, फुगाना, भोपा आदि में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। सेना व अर्ध सैनिक बलों ने फ्लैग मार्च कर शांति की अपील की। शहर में भी कर्फ्यू के दौरान डीएम-एसएसपी ने फोर्स के साथ पैदल मार्च कर शांति बनाए रखने की अपील की। सेना के साथ पुलिस का तलाशी अभियान गुरुवार को जारी रहा। पुलिस ने कई दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया है।
उधर, राज्य मंत्री चितरंजन स्वरूप, राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त वीरेंद्र सिंह, पूर्व सांसद अमीर आलम ने प्रेस कांफ्रेंस में दंगे के लिए पुलिस-प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए तत्कालीन डीएम और एसएसपी के खिलाफ कार्रवाई और डीजीपी देवराज नागर को हटाने की मांग की है।
मेरठ में लापता युवक की लाश मिलने के बाद बिगड़ा माहौल
मेरठ के सिविल लाइन इलाके के सुभाषनगर से दो दिन से गायब मंदिर कमेटी के प्रबंधक के बेटे राकेश कौशिक के बेटे करन उर्फ चिंटू की शाह विलायत कब्रिस्तान में शव मिला। करन बुधवार से लापता था। हत्या की खबर मिलते ही क्षेत्र में तनाव फैल गया। फोर्स की मौजूदगी में दोनों वर्गो के बीच गलियों में पथराव हुआ। देखते-देखते पूरे शहर में अफरा-तफरी मच गई और दुकानें वे सिनेमाघर बंद हो गए। भारी सुरक्षा के साथ ही अधिकारियों ने खुद संवेदनशील क्षेत्रों में मोर्चा संभाल लिया। पुलिस ने मामले में दो हत्यारोपियों सलमान और शोएब को गिरफ्तार कर लिया जबकि तीसरा आरोपी सोनी फरार है। एसएसपी ने रासुका लगाने का ऐलान किया है। उधर, देर रात माधवपुरम के सेक्टर-1 में खत्ता रोड से लगते इलाके की एक संप्रदाय विशेष द्वारा घेराबंदी और हमले की आशंका के मद्देनजर जबरदस्त तनाव पसर गया। लोग अपने घरों से निकल कर भागने लगे हालांकि पुलिस ने मौके पर जाकर लोगों को शांत किया। इलाके में पुलिस की गश्त तेज कर दी गई है।
Original.. http://www.jagran.com/news/national-as-normality-returns-to-muzaffarnagar-tension-in-meerut-10721904.html
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