
अंबिकापुर। भले ही मोदी कह रहे हों कि वो पीएम बनने का ख्वाब नहीं देखते हैं लेकिन छत्तीसगढ़ के बेहद पिछले इलाके अंबिकापुर में शनिवार को होने वाली रैली के बन रहा लकड़ी का लालकिला उनकी उस महत्वाकांक्षा को दिखाने के लिए काफी है जिसकी चमक उनके चेहरे पर भी दिखाई देती है। भाजपा में भले ही उनके नाम को लेकर अभी स्थिति साफ न हुई हो लेकिन उनकी प्रधानमंत्री बनकर लालकिले पर तिरंगा फहराने की आरजू और देश को संबोधित करने की ख्वाहिश आज किसी से अछूती नहीं रही है। शायद यही वजह है कि उनकी इस चाहत को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह एक फर्जी लालकिले के प्राचीर का मंच तक बनवा डाला है। इस मंच से आज मोदी रैली को संबोधित करेंगे।
मुख्यमंत्री की देखरेख में बने रहे इस मंच और रैली पर करोड़ों की लागत आई है। इतना ही नहीं इसको बनाने के लिए राजस्थान और बंगाल के कारीगरों को खासतौर पर बुलाया गया है। बांस, थर्मोकोल और लाल कपड़े से निर्मित इस मंच को तैयार करने में करीब पांच सौ कारीगर लगे हैं। अंबिकापुर के पीजी कॉलेज में बन रहे इस मंच से मोदी लालकिले का अहसास करना चाहते हैं। हालांकि कांग्रेस के लिए यह किसी शगूफे से कम नहीं है।
हालांकि बीजेपी में अभी भी पीएम पद को लेकर खींचतान जारी है, उससे शायद मोदी को अपना सपना टूटता दिख रहा है। ऐसे में उन्होंने गुरुवार को कहा कि पीएम बनना उनका सपना नहीं है, लेकिन शनिवार को वो छत्तीसगढ़ में लालकिले की शक्ल वाले मंच से भाषण देंगे। ऐसे में उनकी कथनी और करनी में कांग्रेस को विरोधाभास दिखाई दे रहा है।
यही नहीं, भले ही अब मोदी के सुर बदले हुए दिख रहे हों लेकिन हकीकत ये है कि पिछले दिनों उनके हर भाषण में निशाने पर प्रधानमंत्री और लालकिले का जिक्र होता था। 14 अगस्त को तो उन्होंने प्रधानमंत्री के लालकिले के भाषण को ही चुनौती दे डाली थी। लेकिन दो दिन पहले ही गुजरात में वह यह कहते नहीं थके कि उनका लक्ष्य 2017 तक गुजरात की सेवा करना है।
Original.. http://www.jagran.com/news/national-modi-to-address-ambikapur-rally-from-ramparts-of-lal-qila-10706017.html
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