फगवाड़ा, अमित ओहरी। बंगा के एक युवक ने अपने फेसबुक के प्यार को जीवनसाथी बनाने का सपना संजोया था, लेकिन जब बात फेरों की आई तो वही प्यार धोखा दे गया। शादी वाले दिन दूल्हा, दुल्हन को ढूंढता रह गया, लेकिन वह नहीं मिली।
लड़की पक्ष ने लड़के के साथ शादी के लिए बुधवार का दिन तय किया था, लेकिन जब दूल्हा सेहरा सजाकर बारात लेकर फगवाड़ा के पैलेस में पहुंचा तो वहां न ही शादी का मंडप था और न दुल्हन। दुल्हन की तलाश में दूल्हा बारात लेकर फगवाड़ा के कई पैलेसों के चक्कर लगाता रहा, लेकिन जब दुल्हन कहीं न मिली तो वह मायूस होकर डोली वाली कार में बैठकर लौट गया।
करीब एक वर्ष पहले ग्रीस से लौटे बंगा के गांव गोबिंदपुर के युवक परमजीत की कपूरथला के एक गांव की लड़की से फेसबुक पर प्यार परवान चढ़ा था। प्यार का यह रिश्ता फेसबुक पर आगे बढ़ता गया और बात शादी तक पहुंच गई। हालांकि न तो लड़की पक्ष ने लड़के का घर देखा और न ही लड़के वालों ने लड़की के घर की पड़ताल की।
फगवाड़ा में बारात लेकर आए दूल्हे परमजीत ने बताया कि उसका फेसबुक पर संदीप कौर नामक लड़की से प्यार हुआ था। फोन पर ही लड़की ने उसे बुधवार को बारात लेकर फगवाड़ा के लाल पैलेस में बुलाया। ऐसे में उनके घर में विवाह की तैयारी शुरू हो गई थी और मंगलवार को उनके घर में शादी से पहले होने वाली रस्में भी की गईं। परमजीत ने बताया कि बुधवार को वह बैंड-बाजे के साथ बारात लेकर फगवाड़ा के लाल पैलेस में पहुंचा, लेकिन वहां न तो कोई शादी समारोह था और न ही दुल्हन व उसके घरवाले। इसके बाद जब उसने लड़की को फोन मिलाया तो उन्हें केजी रिसोर्ट पहुंचने के लिए कहा गया, लेकिन वहां कोई नहीं था। उन्होंने फिर फोन मिलाया तो उन्हें हदियाबाद के पास स्थित लाल किरण पैलेस पहुंचने के लिए कहा गया, लेकिन जब वह बारात लेकर वहां पहुंचे तो वहां भी न कोई समारोह था और न ही दुल्हन पक्ष के लोग। इसके बाद उसने दोबारा फोन लगाया तो लड़की वालों ने फोन उठाना ही बंद कर दिया। ऐसे में बैंड-बाजे की धुन पर नाचने आए बाराती वापस मायूस होकर लौट गए। वहीं शादी के अरमान पूरे न होने पर दूल्हे ने मायूस होकर अपना सेहरा और शादी वाले कपड़े उतार दिए। जिस डोली वाली कार में वह दुल्हन को ले जाने आया था, उसमें अधूरे अरमानों से वह अकेला ही लौट गया। इससे पहले दूल्हे पक्ष ने फगवाड़ा के सतनामपुरा थाने की पुलिस को मौखिक तौर पर शिकायत भी की।
पापा जी चलो नूंह लै के आणी आ..
सेहरा सजाकर आए दूल्हे परमजीत के पिता धर्मपाल ने बताया कि बेटे की शादी कब पक्की हुई, इस बारे में उन्हें पता नहीं था। उनको तो उनके बेटे ने दो दिन पहले ही बताया कि 'पापा जी बुधवार नूं मेरा फगवाड़ा दे पैलेस विच विआह है। तुसीं तैयार रहो, तुहाडी नूंह लै के आणी आ।' पिता ने कहा कि 'उन्हां ने तां कदे सोचया वी नहीं सी कि कदे ऐह दिन देखणा पऊगा।'
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