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Friday, September 6, 2013

Forest Department to Take Action Against Asaram


asaram bapu

नई दिल्ली, जागरण संवददाता। नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले में जेल भेजे गए विवादित संत आसाराम बापू को दिल्ली से खदेड़ने की तैयारी शुरू हो गई है। जिस जमीन पर करोलबाग में आसाराम का आलीशान आश्रम चल रहा है, उसे खाली कराने के लिए वन विभाग ने शहरी विकास मंत्रालय को पत्र भेजने का फैसला किया है।
सेंट्रल रिज एरिया में आसाराम बापू का आश्रम लगभग आठ सौ हेक्टेयर में चल रहा है। इसमें से चार सौ हेक्टेयर का मालिकाना हक वन एवं वन्य जीव विभाग के पास है, जबकि बाकी जमीन डीडीए, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की है।
केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की जमीन वाले हिस्से पर आसाराम का आश्रम बना हुआ है, लेकिन रिज एक्ट के अनुसार वन विभाग इस पर कार्रवाई के लिए शहरी विकास मंत्रालय से अनुरोध कर सकता है। आश्रम वाली जमीन के मालिकाना हक के लिए आसाराम की संस्था ने संबंधित विभाग को वर्ष 2006 में आवेदन किया था, जिसे अतिरिक्त डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट दक्षिणी ने खारिज कर दिया था। इसके बावजूद इस जमीन पर यह आश्रम चल रहा है। अब वन विभाग जमीन खाली कराने को लेकर सक्रिय हो गया है। इसके लिए वन विभाग के उच्च अधिकारियों की वन विभाग मुख्यालय में शुक्रवार को बैठक हुई। इसमें शहरी विकास मंत्रालय को पत्र लिखकर जमीन खाली कराने का आग्रह करने का फैसला किया गया है। विभाग ने यह पत्र भी तैयार कर लिया है।

'हमने शहरी विकास मंत्रालय को पत्र लिखकर यह अनुरोध करने का फैसला किया है कि सेंट्रल रिज एरिया में चल रहे आसाराम बापू के आश्रम को खाली कराने के लिए नोटिस जारी किया जाए। इस जमीन का मालिकाना हकउनके पास नहीं है। पत्र तैयार कर लिया गया है। इसे सोमवार को मंत्रालय को सौंपा जाएगा।'

-जीएन सिन्हा, प्रमुख, दिल्ली वन एवं वन्य प्राणी विभाग
निगम ने कर जमा करने का नोटिस भेजा
जासं, नई दिल्ली । आसाराम बापू के सेंट्रल रिज स्थित आश्रम को संपत्तिकर का भुगतान करने के लिए उत्तारी दिल्ली नगर निगम के कर एवं समाहर्ता विभाग की ओर से रिव्यू नोटिस भेजा गया है। इस आश्रम का वर्ष 2004-05 से संपत्तिकर नहीं जमा कराया गया है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें शिकायत मिली थी कि आश्रम में कई तरह के व्यावसायिक कार्य संचालित किए जा रहे हैं, जिस पर विभाग के अधिकारियों ने आश्रम का निरीक्षण किया तो शिकायत सही निकली। इसके बाद यह कार्रवाई की गई है।

एमसीडी के एक्ट 115 के तहत धार्मिक कार्य के लिए संपत्तिकर से छूट दी जाती है, लेकिन उस संपत्तिमें किसी भी वस्तु, दवा, द्रव्य या अन्य किसी उत्पाद की खरीद फरोख्त नहीं की जा सकती है।

बाक्स...
'आश्रम में धर्म प्रचार सामग्री, धार्मिक पुस्तकें, आयुर्वेदिक दवाइयां, धूप, अगरबत्ताी की बिक्री होती है, जो व्यावसायिक गतिविधियों की श्रेणी में आता है। इसलिए विभाग ने आश्रम को इस बाबत नोटिस भेजा है।'
-एमएसए खान, अतिरिक्त आयुक्त व संपत्तिकर समाहर्ता, उत्तारी दिल्ली नगर निगम

Original.. http://www.jagran.com/news/national-forest-department-to-take-action-against-asaram-10706005.html

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