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Thursday, September 12, 2013

Delhi Gangrape: Defense Arguments Of The Convict Parties In Saket Court


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राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। मुकेश, पवन, विनय, अक्षय के लिए जब अभियोजन ने सजा-ए-मौत की मांग की तो बचाव पक्ष ने मानवाधिकार की दुहाई दी। बचाव पक्ष ने अपनी एड़ी चोटी कर जोर लगाते हुए कई दलीलें दी ...
विनय के बचाव में अधिवक्ता एपी सिंह की दलील
  1. महात्मा गांधी ने कहा है कि अपराधी को माफी देकर सुधरने का मौका देना चाहिए।
  2. कसाब को फांसी देने के बाद क्या आतंकी घटना बंद हुई है? इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी की भी हत्या हुई। फांसी देने से ऐसे अपराध रुक जाते तो यह खत्म हो चुका होता।
  3. हम मानवाधिकार के मामले में दूसरों देशों के संदेश देते हैं। मानवाधिकार फांसी की सजा का वकालत नहीं करता।
  4. विनय ने कई बार रक्त दान कर लोगों की जान बचाई है। 
मुकेश के बचाव में अधिवक्ता वीके आनंद की दलील
  1. मुकेश पीड़िता की मां को भी अपनी मां की तरह ही मानता है। जब पीड़िता की मां से जिरह करने का समय आया तो उसने जिरह करने से मना किया था। मुकेश की मां अपना एक बेटा खो चुकी है। मुकेश की मां की तरफ से दया की भीख मांगते हैं।
  2. मुकेश ने अपराध कबूल करते हुए बयान दिया था कि घटना वाली रात वह बस में था। वह बस चला रहा था। इकबािलया बयान को महत्वपूर्ण मानते हुए फांसी की सजा न दी जाए ।
  3. मुकेश के कई वकील बदले उन्होंने उलटी सलाह दी ।
  4. मुकेश गरीब है, अविवाहित है परिवार का अकेला कमाने वाला है। उसमें सुधार की गुजांइश है। 
पवन के बचाव में अधिवक्ता विवेक कुमार की दलील
  1. कानून के तहत हत्या के अपराध को नृशंस माना गया है। लेकिन हर अपराध में अभियुक्त को फांसी की सजा नहीं दी जाती ।
  2. कई बार ऐसा होता है कि युवकों का समूह अपराध करता है । उनमें से एक अपराध नहीं करता है उसकी मौजूदगी उसे अपराधी साबित कर देती है।
  3. मानवाधिकार फांसी की सजा का विरोध करता है।
  4. पवन की उम्र 19 साल है। उसकी तीन बहनें और माता पिता हैं और परिवार की जिम्मेदारी भी उस पर है।
अक्षय के बचाव में अधिवक्ता एपी सिंह की दलील
  1. पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा है कि हर अपराध का अंजाम मृत्युदंड नहीं हो सकता।
  2. स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि धनबल, जनबल और बाहुबल की हमेशा जीत होती है। अक्षय की मां जब बीमार हुई तो उसे अंतरिम जमानत नहीं मिली। उसी दिन एक आरोपी मंत्री को जमानत मिल गई।
  3. आतंकी शहजाद ने पुलिसकर्मी मोहन चंद्र शर्मा की हत्या की और देशद्रोह किया। उसे उम्रकैद की सजा मिली है। अभियुक्त न तो आतंकी है और न ही देशद्रोही ।
  4. 250 सासंद ऐसे है, जिनपर दुष्कर्म , हत्या एवं आपराधिक मामले दर्ज हैं। उनका मामला कभी फास्ट ट्रैक कोर्ट में नहीं आता। कानून कहता है चाहे 99 गुनहगार छूट जाए , लेकिन एक बेगुनाह को सजा नहीं होनी चाहिए। 

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