नई दिल्ली। देश के 67वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर भारत को आजाद कराने में अपना योगदान देने वाले जीवित बचे चुनिंदा आजादी के दीवानों को आप बधाई संदेश भेज सकते हैं। इस मकसद को अंजाम देने का बीड़ा एक वेबसाइट विशपिकर डॉट कॉम ने उठाया है।
दरअसल ये अनूठा विचार आइआइटी के दो स्नातकों की देन है। इसी साल जनवरी में शुरू होने वाली इस वेबसाइट ने लोगों को अपने जरिए ये सुविधा प्रदान की है। देश के जो बुजुर्ग 90 साल से ऊपर के हो चुके हैं और देश को आजाद करने के लिए ब्रिटिश शासन के दौरान जेल जा चुके हैं या फिर सुभाषचंद्र बोस की इंडियन नेशनल आर्मी का हिस्सा रहे है अन्यथा ब्रिटिश शासनकाल में किसी रेलवे स्टेशन को आग लगा चुके हैं, उन सभी जीवित आंदोलनकारियों तक आपके संदेश पहुंचाए जाएंगे।
इस वेबसाइट को बनाने वाले अपूर्व बंसल और प्रतीक राठौर ने बताया कि उनकी टीम कुछ ही बचे स्वतंत्रता सेनानियों की तलाश कर उनसे संपर्क साधा। उनकी साहस और त्याग की कहानियां सुनीं। ये सब जानकर उन्हें अहसास हुआ कि उनके बलिदान और योगदान को युवा पीढ़ी भूल चुकी है। इसलिए विशपिकर डॉट कॉम पर इन सेनानियों की कहानियां और तस्वीरें मौजूद होंगी। लोग आनलाइन इस साइट पर आकर अपने संदेश और पिक्चर मैसेज भी भेज सकते हैं। उनकी टीम इन संदेशों को व्यक्तिगत रूप से उन स्वतंत्रता सेनानियों तक पहुंचाएगी और बदले में उनकी तस्वीरें इन ऑनलाइन यूजर्स को उनके जवाबी संदेश के साथ भेजेगी। वेबसाइट पर इन आजादी के दीवानों के इंटरव्यू से लेकर उनसे जुड़ी विभिन्न सामग्रियां मौजूद होंगी। ताकि वह देश की 67वीं वर्षगांठ पर भी विशिष्ट महसूस करें। साथ ही युवा पीढ़ी भी उनके योगदान से भली-भांति परिचित हो।
Original Found Here... http://www.jagran.com/news/national-freedom-fighters-conveys-the-message-on-the-site-10646319.html
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