लखनऊ। लंबे विवाद के बाद उत्तार प्रदेश में आइसोलेक्स कंपनी 765 केवी व 400 केवी ट्रांसमिशन लाइनों में केवल एसीएसआर मूज/वर्समीज कंडक्टर लगाने को तैयार हो गई है। कंपनी ने पावर ट्रांसमिशन प्रबंधन को इस बाबत पत्र लिखा है।
गौरतलब है बिजली घरों से उत्पादित बिजली को प्रदेश के विभिन्न हिस्सों तक पहुंचाने के लिए पावर ट्रांसमिशन काीपोरेशन ने मेसर्स आइसोलेक्स कम्पनी को ट्रांसमिशन लाइनों व सब स्टेशनों के निर्माण के लिए करीब 5000 करोड़ रुपये का कार्य दिया है। वैसे तो टेंडर की शर्तो के तहत इस विदेशी कम्पनी को एसीएसआर मूज/वर्समीज कंडक्टर ही ट्रांसमिशन लाइनों में लगाना था लेकिन कम्पनी ने लाइनों में ट्रिपल एसी कण्डक्टर का प्रयोग करने की बात कही गई। चूंकि ट्रिपल एसी कण्डक्टर लाइनों के लिए घटिया गुणवत्ता का माना जाता है इसलिए आपत्तिउठाते हुए उत्तार प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने उत्तार प्रदेश विद्युत नियामक आयोग में कईं जनहित प्रत्यावेदन दाखिल किए।
इस पर आयोग ने 30 मई को आइसोलेक्स को लाइनों पर केवल एसीएसआर मूज़/वर्समीज कण्डक्टर ही लगाने के आदेश दिए। परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि आयोग के आदेश के बाद भी कम्पनी घटिया कण्डक्टर लगाने पर आमादा थी। कम्पनी ने घटिया कण्डक्टर के मुताबिक टॉवरों की प्लिन्थ का कार्य भी शुरु कर दिया था। वर्मा ने बताया कि परिषद के लगातार विरोध के चलते 24 जुलाई को कंपनी के निदेषक ने इस बात की लिखित स्वीकृति ट्रांसमिशन कार्पोरेशन को दे दी है कि उनके द्वारा लाइनों पर निविदा के मुताबिक एसीएसआर मूज़/वर्समीज कण्डक्टर ही लगाया जाएगा। इस पर कार्पोरेशन ने आयोग को भी लिखा है। वर्मा का कहना है कि यदि कंपनी उक्त कंडक्टर न लगाती तो उसे तकरीबन 500 करोड़ रुपये का लाभ होता।
Original.. http://www.jagran.com/uttar-pradesh/lucknow-city-10615522.html
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