कालिम्पोंग, जागरण संवाददाता।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना है कि उनके रहते बंगाल का विभाजन नहीं होगा। कहा जान देने को तैयार हूं, लेकिन बंटवारा मंजूर नहीं है। मैं पहाड़ को हंसते हुए देखना चाहती हूं। आंदोलन किसी समस्या का समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के निर्णय से केंद्र को अवगत करा दिया गया है। पहाड़ बंगाल का अभिन्न हिस्सा है और रहेगा। उन्होंने गोरखालैंड आंदोलन के लिए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा।
मुख्यमंत्री ने पहाड़ पर जारी आंदोलन पर करारा प्रहार किया। कभी जनता घर के बाहर और कभी अंदर कार्यक्रम से पहाड़ का विकास अवरूद्ध हो गया है। आंदोलन से गरीबों पर सबसे बुरा असर पड़ता है। पर्यटन, शिक्षा और विकास बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। पहाड़ के विकास के लिए जीटीए को सरकार समुचित मदद कर रही है। पहाड़ के विकास बाधित होने से मैं दुखी हूं। हमें दार्जिलिंग से खासा लगाव है। दो वर्षो के दौरान कई बार यहां आ चुकी हूं। पहाड़ पश्चिम बंगाल का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने जीटीए सचिव को विकास कार्य सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
यहां के लेप्चा समुदाय की हालत दयनीय है। इसलिए बोर्ड का गठन किया गया है। आजतक इस समुदाय के गठन पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। लेप्चा जाति के शैक्षिक, सामाजिक, और आर्थिक विकास के लिए गठित बोर्ड को 50 करोड़ दने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की। लेप्चा विकास बोर्ड का केंद्रीय कार्यालय कालिम्पोंग में होगा। भवन र्निमाण के लिए एक करोड़ देने की घोषणा मुख्यमंत्री ममजा बनर्जी ने की।
लेप्चा समुदाय के संगठन इंडीजिनियस लेप्चा ट्राइबल एसोसिएशन द्वारा लेप्चा विकास बोर्ड गठन करने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी के प्रति समुदाय की ओर से आभार जताया। उन्हें प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।
Original.. http://www.jagran.com/news/national-mamta-rules-out-bengal-division-10700270.html
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